आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।
आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,
तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह हैजो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है…
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह है
जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है…
आहिस्ता आहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानों का……
कहीं सपनों से लोगों का ऐतबार ना उठ जाए..
Jindgi Me Do Baten Yad Rkhni Chahiye
1. Apne Maa Baap Ko Kbhi Koi Dukh Mat Do.
2. Or Kbhi Kisi se Sukh Ki Ummid Mat Kro.
जिंदजी में इन दो लोगो को बहौत प्यार करो।
एक माँ जो तुम्हे इस दुनिया में लाये
और एक बीवी जो सारी दुनिया छोड़ कर तुम्हारे पास आये