"आप तो मोहब्बत कीजिए साहेबनाराज़ तो हमसे ज़माना रहता है.!"
उमीद तो हमने ये की थी,
में राँझा तेरा तू मेरी हीर बने,
पर शायद खुद को ये मंज़ूर न था,
की तू मेरी तकदीर बने!
मुझे अपने कल की फ़िक्र आज भी नहीं है
लेकिन तुझे पाने की चाहत क़यामत तक रहेगी
अपने इन् हाथों की लकीरों
को क्या देखता हो?
किस्मत तो उनकी भी होती है
जिनके हाथ नहीं होते…
इकरार बदलते रहते है… इंकार बदलते रहते हैं,
कुछ लोग यहाँ पर ऐसे है जो यार बदलते रहते हैं।