हंसना हंसाना ये कोषिश है मेरी,
सबको खुश रखना चाहता है मेरी,
कोई याद करे या ना करे,
हर किसी को याद करना आदत है मेरी
GOOD MORNING
कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था;
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था;
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर;
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!