जब तलक एहसासे मोह्हबत,मोहताज़ इज़हारे मोह्हबत की lसमझ अभी सफर बाक़ी है,मंजिल इबादते मोह्हबत की l
बनकर तेरा साया तेरा साथ निभाउंगी,तु जहा जाएगा में वहाँ-वहाँ आऊँगी,साया तो छोर जाता है साथ अँधेरे में,लेकिन में अँधेरे में तेरा उजाला बन जाउंगी !!
Dafan Karna Mujhe Apni Ankhon Me….
Ye Meri Aakhri Wasiyat Hai..!!
महफूज रखती हूँ दिल में, तेरे इश्क का फसाना, आँखों से पढ लिया करो, क्या जरूरी है बताना..
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।