जो लोग ये समझ नहीं पाते कि औरत क्या चीज़ है,उन्हें पहले ये समझने की जरूरत है कि"औरत कोई चीज़ नहीं है"।
Ek sukoon ki talash me jane kitni bechanni pal liAur log kehte hai hum bade ho gye humne zindgi sambhal li
हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया,
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया,
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे,
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया।
इकरार बदलते रहते है… इंकार बदलते रहते हैं,
कुछ लोग यहाँ पर ऐसे है जो यार बदलते रहते हैं।
Hamen Taameer Ke Dhokhe Mein Rakhakar Hamaare Khvaab Chunavaaye Gae Hain