तुम्हें असफल भी होना चाहिए था,हार देती है जीवन में संतुलन और धैर्य ।
कामयाबी उन्ही लोगों के कदम चूमती है, जो अपनें फ़ैसलों से दुनियाँ बदल कर रख देते हैं और नाकामयाबी उन लोगों का मुकद्दर बन कर रह जाती है जो लोग दुनियाँ के डर से अपनें फैसले बदल दिया करते हैं|
मेरे अजीज हो आप,
मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो आप,
हर इच्छा पूरी करने वाले,
खुदा से बढ़कर हो पापा आप।
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
“लोग क्या कहेंगे”- ये बात इंसान को आगे नहीं बढ़ने देती