"मैं हज़ारों से मिल रहा हूँ,सैकड़ो से बातें करता हूँ,कमी तुम्हारी पूरी ना हुई,सब में तुम्हीं को ढूंढ रहा हूँ l"
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने धड़कते हुएअरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम।।
Tu Shaq Na Kar Mere Jazbato Pe,
Tere Sath Hi Zindagi Meri Khubsurat Hai,
Jitni Ehmiyat Hai Pani Ki Marte Insan K Liye,
Bus Utni Hi Muje Teri Zarurat Hai...
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो।