ज़िक्र तेरा हर वक़्त होने लगा है ,तु मेरे रूह तक में खोने लगा है lतुम्हारी तलाश अब खत्म नहीं होती,आईने में अपनी आँखों में पाने लगा हूँ l
मेरा हर ख्वाब आज हकीकत बन जाये,
जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी ज़िन्दगी बन जाये,
हम लाये लाखो में एक गुलाब तुम्हारे लिए,और ये गुलाब मोहब्बत की शुरुआत बन जाये |
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न
हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
तेरे बाद हमने इस
दिल का दरवाजा खोला ही नहीं
वरना बहुत से चाँद आये
इस घर को सजाने के लिए
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है