आज ना पूछो मुझसे मेरी उदासी का सबब,बस सीने से लगा कर मुझे रूला दे कोई।
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..
फिर वही फ़साना अफ़साना सुनाती हो
दिल के पास हूँ कह कर दिल जलती हो
बेक़रार है आतिश इ नज़र से मिलने को
तो फिर क्यों नहीं प्यार जताती हो…!!
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी,
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी!!
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद..दूसरा सपना देखने के हौसले को 'ज़िंदगी' कहते हैं..