उसके अन्दाजे इश्क से,लोग पागल हो जाते है lएक हम है जो नखरे पर,हर बार कायल हो जाते है l
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ ;
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ .!
Bhar loon tujh bahon mein
Tujh per chada rang khud pe chada loon,
Ho ke teri aaj mein Sanam
Rango ki tarha apni duniya ko rangeen bana loon.