उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हम…
उसके गमों को हंसी से सजा रहे थे हम…
फिर जलाया उसी दीये ने मेरा हाथ…
जिसकी लौ को हवा से बचाये जा रहे थे हम…
गुज़र जायेगी ज़िन्दगी उसके बगैर भी,
वो हसरत-ए-ज़िन्दगी है ….
शर्त-ए-ज़िन्दगी तो नहीं……!!
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा,
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा।
दर्द मिन्नत-कशे- ✒ दवा न हुआ, मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ, जमा करते हो क्यों रकीबो को, एक तमाशा हुआ गिला न हुआ.
दर्द मिन्नत-कशे- ✒ दवा न हुआ,
मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ,
जमा करते हो क्यों रकीबो को,
एक तमाशा हुआ गिला न हुआ.
हर सुबह आपको असल दें, हर फूल आपको मुस्कान दें,
हाँ दुआ करते हैं कि खुदा आपको नए सवेरे के साथ,
कामयाबी का नया आस्मां दे….