तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा
जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा