आदत होती तो छूट भी जातीअब ज़िन्दगी हो जीना तो नहीं छोड़ सकता।
अब ज़िन्दगी हो जीना तो नहीं छोड़ सकता।
वो मुस्कुरा के मुकरने
की अदा जानता है
मैं भी आदत बदल
लेता तो सुकून में होता
वो चैन से बैठे हैं मेरे दिल को मिटा कर
ये भी नहीं अहसास के क्या चीज़ मिटा दी
मुझे अपने कल की फ़िक्र आज भी नहीं है
लेकिन तुझे पाने की चाहत क़यामत तक रहेगी
माना कि मोहब्बत की ये भी एक हकीकत है फिर भी,
जितना तुम बदले हो उतना भी नहीं बदला जाता।