तेरे हर एक अक्स से नफरत होने लगी,कुछ इस क़दर हमे खुद से मोहब्बत होने लगी।
तेरे हर एक अक्स से नफरत होने लगी,
कुछ इस क़दर हमे खुद से मोहब्बत होने लगी।
ना ठुकरा मेरी दोस्ती मुझे गरीब समज कर ए दोस्त,
यह दौलत वाले खरीदार तो होते है,
लेकिन वफादार नही
आदत है या तलबइश्क है या चाहततू दिल मे है या साँसों मेतू दीवानगी है या मेरी आशिकीतू ज़िन्दगी है या फिर एक किस्सापर जो भी है सिर्फ तू है
हमें तुमसे मोहब्बत न होती,,
सिर्फ दो ही हालत में…
या “तुम” बने न होते,
या ये दिल बना न होता…
हर सुबह आपको असल दें, हर फूल आपको मुस्कान दें,
हाँ दुआ करते हैं कि खुदा आपको नए सवेरे के साथ,
कामयाबी का नया आस्मां दे….