नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है.. !!
नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,
ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है.. !!
उमीद तो हमने ये की थी,
में राँझा तेरा तू मेरी हीर बने,
पर शायद खुद को ये मंज़ूर न था,
की तू मेरी तकदीर बने!
बद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँ,लेकिन मैंने बरसात में जलते हुए घर देखे है..
Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!