रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।
वह अपने करम उँगलियों पर गिनते हैं,
पर ज़ुल्म का क्या जिनके कुछ हिसाब नहीं
हम दूर तक यूँ ही नहीं पहुंचे ग़ालिब ,
कुछ लोग कन्धा देने आ गए थे...
Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
Dil Ki Aarzoo Toh Bas Yehi Hai Mere Sanam,
Tere Dil Mein Hum Rahein Mere Dil Mein Tum,
Tera Haath Haath Mein Lekar Chalte Rahein Yuhi,
Yeh Zindgi Bhi Tere Saath Jeene Ko Pade Kam.
जिंदगी एक सजासी हो गई है,
गम के सागर मे कुछ इस कदर खो गयी है,
तुम आजाओ वापिस ये गुजारिश है मेरी,
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है ।