भोली सी अदा कोई फिर इश्क की जिद पर है,फिर आग का दरिया है और डूब के जाना है।
Jis Jagah Jaakar Koee Vaapas Nahin AataJaane Kyon Aaj Vahaan Jaane Ko Jee Chaahata Hai
सदा दूर रहो ग़म की परछाइयों से,
सामना ना हो कभी तन्हाइयों से,
हर अरमान हर ख़्वाब पूरा हो आपका,
यही दुआ है दिल की गहराइयों से।
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।
दोस्त बनकर भी वो नहीं साथ निभानेवाला,
वही अंदाज़ है उस ज़ालिम का ज़माने वाला।