"रोज हाँ या ना के बीच,
जदोजहद होती है,
फिर तुम्हें याद कर लेता हूँ,
फिर सफऱ की शुरआत होती है l"
खुद में भी तलाश किया लोगों से भी पूछा तेरे दूर जाने की वजह आज तक नहीं मिली…
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
Jis Jagah Jaakar Koee Vaapas Nahin AataJaane Kyon Aaj Vahaan Jaane Ko Jee Chaahata Hai
तेरी मोहब्बत को तो पलकों पर सजायेंगे;
मर कर भी हर रस्म हम निभायेंगे;
देने को तो कुछ भी नहीं है मेरे पास;
मगर तेरी ख़ुशी मांगने हम खुदा तक भी जायेंगे।