ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ता
कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
मेरे अजीज हो आप,
मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो आप,
हर इच्छा पूरी करने वाले,
खुदा से बढ़कर हो पापा आप।