सुनी थी सिर्फ हमने ग़ज़लों में जुदाई की बातें ;
अब खुद पे बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ !!
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
कागज़ पे लिखी गज़ल, बकरी चबा गयी !
चर्चा पुरे शहर में हुई, की बकरी शेर खा गयी.
मेरा कारनामा-ए-जिंदगी, मेरी हसरतों के सिवा कुछ नहीं,
ये किया नहीं,वो हुआ नहीं,ये मिला नहीं,वो रहा नहीं....!!