गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर का प्रयोग करते होओर दुर्घटना होने पर किसी और पर आरोप लगाते हो
गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर का प्रयोग करते हो
ओर दुर्घटना होने पर किसी और पर आरोप लगाते हो
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता हैं.
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ताकोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ता
कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।