खुसनसीब हैं वो जिनके घर रिश्ते आते हैं
वरना हमारे घर तो सिर्फ वारंट ही आते हैं
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको
खुदा मुझ पर एक नजर कर दे
उस अजनबी को मेरा हमसफर कर दे
जब भी वो सांस ले उसे मेरा नाम सुनाई दे
मेरी चाहत का उस पर इस कदर असर कर दे
उनका भी कभी हम दीदार करते है,उनसे भी कभी हम प्यार करते है,क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!
तू वाकिफ़ नहीं मेरी दीवानगी से…
जिद्द पर आऊँ तो..ख़ुदा भी ढूंढ लूँ …