ऐटिटूड उन्हें दिखाती हूँजिन्हे तमीज समझ नहीं आती
जिन्हे तमीज समझ नहीं आती
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
अगर तुम अपने पापा की “परी”हो, तो हम भी अपने बाप के “नवाब” है !
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …
Itna Betaab Na Ho, Mujhse Bichaadne Ke Liye ,
Zaraa Thair Ja.
Tujhe Sirf Ankho Se Hi Nahi Dil se Bhi Juda Karna Hai…