कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
पापा मिले तो मिला प्यार,
मेरे पापा मेरा संसार,
खुदा से मेरी इतनी सी दुआ है इस बार
मेरे पापा को मिले खुशियाँ अपार
मुझे नहीं पता कि मैं एक बेहतरीन दोस्त हूँ या नहीं,
लेकिन मुझे पूरा यकीन कि जिनके साथ मेरी दोस्ती है…
वे बहुत बेहतरीन हैं।
हमसफ़र खूबसूरत नहीं
बल्कि सच्चा होना चाहिए