अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
सफलता ना मिले तो घबराना नही,
रुक कर सोचना तो पाओगे की ,
कुछ कदम चलना अभी शेष है।
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.