"The sea cures all ailments
of man.
आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.
अज़ीज़ भी वो है, नसीब भी वो है ,
दुनिया की भीड़ में करीब भी वो है
उनकी दुआ से चलती है ज़िन्दगी
क्यों की खुदा भी वो है ,
और तक़दीर भी वो है ..!!
I Love you Papa..
ना जाने क्यों कोसते हैं लोग बदसूरती को…बर्बाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते हैं….!!
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|