नए कार्य की शुरूआत अच्छी हो, हर मनोकामना सच्ची हो,
गणेश जी का मन में वास रहे, इस गणेश चतुर्थी आप अपनों के पास रहे।
दिल से जो भी मांगोगे मिलेगा,
ये गणेश जी का दरबार है,
देवों के देव वक्रतुंडा महाकाया को,
अपने हर भक्त से प्यार है।
गणेश जी का रूप निराला है,
चेहरा भी कितना भोला-भाला है,
जिसे भी आती है कोई मुसीबत,
उसे इन्ही ने तो संभाला है।