हाल-ए-दिल यार को लिखूँ क्यूँकरहाथ दिल से जुदा नहीं होतातुम हमारे किसी तरह न हुएवार्ना दुनिया में क्या नहीं होता 3 0 0
हाथ दिल से जुदा नहीं होता
तुम हमारे किसी तरह न हुए
वार्ना दुनिया में क्या नहीं होता