कितने सावन गुज़रे
तुम्हारी यादों में
कोई तो सावन ऐसा दो
जो बीते तुम्हारी बाहों में
तुम्हें पहली बारिश पसंद है और मुझे तुमतुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,तुम्हें हमसे बात करना पसंद है, मुझे बोलते हुए तुमतुम्हें सब कुछ पसंद हैं और मुझे बस तुम...
Aaj Halki Halki Baarish Hay,Aaj Sard Hawa Ka Raqs Bhi Hay,Aaj Phool Bhi Nikhray Nikhray Hain,Aaj Un Main Tumhara Aks Bhi Hay
Ek Raat Hui Barsaat BahutMain Roya Saari Raat BahutHar Gham Tha Zamaane Ka LekinMain Tanha Tha Us Raat BahutPhir Aankh Se Ek Saawan BarsaJab Sehar Hui To Khyal AayaWoh Baadal Kitna Tanha ThaJo Barsa Saari Raat Bahut
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..