खुद को कमजोर मत समझ तू भी अंश शक्ति का है,सावन का महीना तो बाबा भोलेनाथ की भक्ति का है।
मौसम था बेकरार तुम्हें सोचते रहे,कल रात बार बार तुम्हें सोचते रहेबारिश हुई तो लग कर घर के दरवाजे से हमचुप चाप बेकरार तुम्हें सोचते रहे...
Itni Shidat Se To Barsaat Be Kam Kam BarsayJis Traha Ankh Teri Yaad Main Cham Cham BarsayMinatien Kon Kary Aik Gharondy Ke LyeKah Do Baadal Se Barasta Hai To Jam Jam Barsay
Kabhi Ji Bhar Ke Barasna, Kabhi Bond Bond Ke Liye Tarasna,Ay Barish Teri Aadatein Mere Yaar Jesi Hain…!
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुज़र जाती है,प्यास बुझती भी नहीं बरसात गुज़र जाती है,अपनी यादों से कहो यु ना आया करेनींद आती भी नहीं रात गुजर जाती है..