जैसे एक बछड़ा हजार गायों की भीड़ में भी अपनी माँ को ढून्ढ लेता है, वैसे ही कर्मा करोड़ों लोगों में अपने करता को ढून्ढ ही लेता है।
वैसे ही कर्मा करोड़ों लोगों में अपने करता को ढून्ढ ही लेता है।