वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
हर कोई प्यार के लिए तड़पता है
हर कोई प्यार के लिए रोता है
मेरे प्यार को गलत मत समझना
प्यार तो दोस्ती में भी होता है
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है,
हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.