इस बारिश को देख कर मन भी भीग सा गया
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,जितना आप समेट पाए उतना आप हमें चाहते हैऔर जितना ना समेट पाए उतना हम आप को चाहते है...
कितनी जल्दी यह मुलाकात गुज़र जाती है,प्यास बुझती भी नहीं बरसात गुज़र जाती है,अपनी यादों से कहो यु ना आया करेनींद आती भी नहीं रात गुजर जाती है..
बद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँ,लेकिन मैंने बरसात में जलते हुए घर देखे है..
Khyalon mein wahi, sapno mein wahi, Lekin unki yaadon mein hum the hi nahi, Hum jaagte rahe duniya soti rahi, Ek baarish hi thi, jo humare sath roti rahi.