ना जाने क्यों रह रह केएक बात हमे बहुत सताती हैं,करवा चौथ करती हैं तुम्हारी बीवीउम्र हमारी क्यों बढ़ जाती हैं
हैप्पी करवा चौथ
बीवियाँ आती हैं हीर की तरहअच्छी लगती हैं खीर की तरहफिर चुभती हैं तीर की तरहहालत कर देती हैं फ़कीर की तरहहैप्पी करवा चौथ