इज़हार से नहीं लगता पता किसी के प्यार का,
इंतज़ार बताता है कि तलबगार कौन है!
Aankho ki gehrai ko samaz nahi sakte,honto se kuch keh nahi sakte.Kaise baya kare hum aapko yeh dil ka haal ki,tumhi ho jiske bageir hum reh nahi sakte.
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
तेरी मोहब्बत को तो पलकों पर सजायेंगे;
मर कर भी हर रस्म हम निभायेंगे;
देने को तो कुछ भी नहीं है मेरे पास;
मगर तेरी ख़ुशी मांगने हम खुदा तक भी जायेंगे।
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो
इज़हार-ऐ-इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है