चेहरा उसका बोहोत ही खूबसूरत है, एक नूर से जदया सुरूर है,
मासूम इतना है की क्या बताये अब हर मुलाकात में वो लगती हूर है.
ये चाँद सा रोशन चेहरा, जुल्फों का रंग सुनहरा ये झील सी नीली आँखे, कोई राज है इन में गहरा तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने तुम्हें बनाया
यही चेहरा..यही आंखें..यही रंगत निकले, जब कोई ख्वाब तराशूं..तेरी सूरत निकले..
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी, जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके, पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी!
आँखें खुली हो तो चेहरा आपका हो, आँखें बध हो तो सपना आपका हो, हमे मौत का ना दर्र ना ख़ौफ्फ होगा, अगर कफ़न की जगह दुपट्टा आपका हो !