जबसे प्यार में धोका खाया है ,हर हुस्न वालों से डर लगता है …पहले अंधेरे की आदत नहीं थी मुझे ,अभी उजालों से डर लगता है … ।।
Khuda salamat rakhna unko,Jo humse nafrat karte hai,Pyaar na sahi nafrat hi sahi,Kuch to h jo wo sirf hmse krte h...
हमारी तड़प तो कुछ
भी नही है हुजुर
सुना है कि उसके दिदार के
लिए तो आईना भी तरसता है
न कुर्बतों मेंसुकून हैन फासलों में करार हैना वस्ल में मज़ा हैन हिज़्र मेंवो सज़ा हैमैं कहूँ जान की आफततुम कहते हो कि प्यार है
वो नहीं आते पर निशानी भेज देते हैख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देते हैकितने मीठे है उनकी यादो के मंज़रकभी कभी आँखों में पानी भेज देते है