नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यू नही
इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यू नही…!!!
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!