सिर्फ अश्क ही गवाही दे सकते है मेरी
की दिल कितनी शिद्दत से याद करता है तुझे
हुआ सवेरा तो हम उनके नाम तक भूल गए
जो बुझ गए रात में चरागों की लौ बढ़ाते हुए।