मत बढ़ाओ हमारी ओर कदम इतने
की फिर दुनिया तुम्हें अपने वजूद से जुदा कर दे
हुआ सवेरा तो हम उनके नाम तक भूल गए
जो बुझ गए रात में चरागों की लौ बढ़ाते हुए।