जब कोई विचार अनन्य रुप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है
तब वह वास्तविक, भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है!
अहंकार” और “संस्कार” में फ़र्क़ है…
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
Today be thankful
and think how rich you are.
Your family is priceless.
Your health is wealth.
Your time is gold.
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
पापा को अपने आज क्या उपहार दू,
तोहफे दे फूलों के या गुलाबों का हार दू,
हमारी जिंदगी में जो है सबसे प्यारे,
उन पर तो अपनी जिंदगी ही वार दू।