आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती,हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,दोस्त की कमी हर पल रहती है यार,दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती।
राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो,मेरे सुख और दुख को बांटने वाली हमसफर भी तुम ही हो.
गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार हैतुझी पर मिटूंगा ये इकरार हैतू इतना समझ ले मेरे हमसफ़रतेरे प्यार से मेरा संसार है