थकान भरी है जिंदगी
पर मुझे अब खुद से छुट्टी चाहिये
ना जाने क्या अपनापन हैं तेरी बातों में,
के हर पल ये दिल… ❤
तुम्हें मिलने के लियें पागलपन करता हैं…
खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है,
हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |
नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिये,
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है