वह बेवफा है तो क्या हुआ मत बुरा कहो उसको,
तुम मुझसे सेट हो जाओ दफा करो उसको।
आँखो से आँखे मिलाकर तो देखो,
एक बार हमारे पास आकर तो देखो,
मिलना चाहेंगे सब लोग तुमसे,
एक बार मेरे दोस्त साबुन से नहाकर तो देखो।
काश प्यार का इन्शुरन्स हो जाता,
प्यार करने से पहले प्रीमियम भरवाया जाता.
प्यार में वफ़ा मिली तो ठीक वर्ना,
बेवफाओं पे जो खर्चा होता उसका क्लेम तो मिल जाता।
न चांद होगा ना तारे होंगे,क्या हम इस साल भी कुंवारे होंगे ,इस दुनिया में कितनों के निकाह हो गए ,क्या हमारे नसीब में सिर्फ निकाह के छुहारे होंगे।
देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा,
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
खवाबों का वज़न कम कीजिये...!