साला प्यार भी
अजीब होता है, जिससे होता है
उसको छोड़कर
पूरे मोहल्ले को पता होता है !
देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा,
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
खवाबों का वज़न कम कीजिये...!
kon kaheta hai taj mahel banane
ke lie dolat nahi milti.
taj mahel banane ke lie dolat
to milti he magar mohbatt
karne ke lie mumtaj nahi milti
हम आज भी शतरंज़ का खेलअकेले ही खेलते हे ,क्युकी दोस्तों के खिलाफ चालचलना हमे आता नही ..।
बंदा नहीं है कोई टक्कर
का आज की तारीख में,
इसीलिए लफ्ज कम पड़
जाते है हमारी तारीफ़ में..!!