वक़्त वक़्त की बात है..
जो अंग्रेज हमें गँवार
गरीब कहते थे ,..
आज उनकी छोरियां हमारे IPL में नाचने आती हैं!
हम आज भी शतरंज़ का खेलअकेले ही खेलते हे ,क्युकी दोस्तों के खिलाफ चालचलना हमे आता नही ..।
देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा,
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
खवाबों का वज़न कम कीजिये...!
kon kaheta hai taj mahel banane
ke lie dolat nahi milti.
taj mahel banane ke lie dolat
to milti he magar mohbatt
karne ke lie mumtaj nahi milti
Suruaat Se Dekhne Ki Aadat He Hume..Chahe Vo Film Ho Ya Dushman Ki Barbadi..