बच न सका ख़ुदा भी मुहब्बत के तकाज़ों से फ़राज़
एक महबूब की खातिर सारा जहाँ बना डाला.
ये साल भी उदासियाँ दे कर चला गया,
तुमसे मिले बगैर दिसंबर चला गया,
आज एक और बरस बीत गया उसके बगैर,
जिसके होते हुए होते थे जमाने मेरे।
New Year Sad Shayari 2021