हिम्मत इतनी थी की समुन्दर भी पार
कर सकते थे और मजबूर इतना हुए की
दो बूँद आंसुओ ने डुबो दिया
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!
आंसुओं की किम्मत क्या हैहम बखुबी समझते है ।वो कोई और होंगे ए सनमजो ओस को शबनम समझते है ॥
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे..
Jaane Kya Kami Hai Hum Me Ya Khuda,Jaane Kyu Sab Humse Khafa Rehte Hain,Humne To Chaha Banana Sab Ko Apna,Jaane Kyu Sab Humse Juda Rahte Hain.