महसूस तब हुआ जब सारा शहर मुझसे जलने लगा,
तब समझ आया की अपना नाम भी चलने लगा.
हुकुमत वो ही करता है जिसका दिलो पर राज हो!!
वरना यूँ तो गली के मुर्गो के सर पे भी ताज होता है!!
दुनिया में तो चार दिन के मेहमान है,तो आखिर क्यों इतना परेशां इंसान है,मिटटी से बने है मिटटी में मिल जाना है,तो फिर किस बात का अभिमान है।