♥ कसूर तो था ही इन निगाहों का
जो चुपके से दीदार कर बैठा
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी
पर बेवफा ये ज़ुबान इज़हार कर बैठा
♥ हैप्पी प्रोपोज़ डे ♥
मुक्तसर सी ज़िन्दगी है मेरी तेरे साथ जीना चाहता हूँ,कुछ नहीं मांगता खुदा से बस तुझे मांगता हूँ.
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने धड़कते हुएअरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
Mujhe khamosh rahon may tera saath chahiye,
tanha hai mera haath tera haath chahiye,
junoon-e-ishq ko teri hi sougaat chahiye,
mujhey jeene ke liye teri hi saat chahiye.
Happy Propose Day
Kya pata uski zuban se bhi izhar nikle,
Kya pata unke dil me bhi pyar nikle,
Sach hai uske bina ji nahi sakte hum,
Kya pata uske dil se bhi yahi baat nikle.